ईश्वर को भूलना विपत्तियों का कारण

 अध्यात्म चेतना विचार;                                                     " ईश्वर को भूल जाने के कारण ही आज मनुष्य पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा है "-  मशहूर लेखक  एलेग्जेंडर सोल्जरनित्सन (1918 -2008),  सदी के अंत में आकर रूसी क्रांति से जुड़ी घटनाओं का बेहतर विश्लेषण किया जा सकता है


 जब उसकी प्रतिक्रिया में दुनिया भर में वैसी घटनाएं घटी है इस विश्लेषण से जो तथ्य सामने आए हैं मेरे विश्लेषण द्वारा उनका वैश्विक महत्व है और अगर कोई मुझे पूरी बीसवीं शताब्दी की प्रमुख प्रवृत्तियों के बारे में बताने के लिए कहे तो मेरे पास वही सब दोहराने से अधिक प्रभावित और कुछ नहीं होगा क्योंकि यह सब मैं रूसी क्रांति के इतिहास पर काम कर रहा हूं इसलिए मैं बता भी पा रहा हूं ;


  मनुष्य ईश्वर को भूल गया है मानवीय चेतना का जागृत ना होना और मनुष्य का देवी अनुमति से वंचित होना ही बीसवीं सदी के सभी बड़े अपराधों का कारण रहा है प्रथम विश्वयुद्ध ऐसी पहली घटना था और हमारी तमाम मौजूदा सुविधाओं को उसी से जोड़ा जाना चाहिए उस युद्ध का एक बड़ा कारण यूरोप के नेताओं का मानसिक दिवालियापन था यह इसलिए था क्योंकि उन्हें यह अनुभूति ही नहीं थी कि कोई सर्वशक्ति भी है 


यह संसार में जो उनसे बड़ी है वह ईश्वर से रहित कड़वाहट ही थी जिसने ईसाई राष्ट्रों को मानवता की सीमाओं से परे जाकर जहरीले गैस को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए दुष्कर्म किया  - विचार मशहूर लेखक  एलेग्जेंडर सोल्जरनित्सन (1918 -2008),

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